व्यस्तता उसी दोहे को याद दिलाती थी- बिगड़ी बात बने नहीं, लाख करो तिन कोय ! व्यस्तता उसी दोहे को याद दिलाती थी- बिगड़ी बात बने नहीं, लाख करो तिन कोय !